Orient Blackswan Plassey Se Vibhajan Tak Aur Uske Baad Aadhunik Bharat Ka Itihas By Sekhar Bandyopadhyay Hindi Medium Original Book
Total pages :- 592
Table of Contents
1 अठारहवीं सदी का संक्रमण
1.1 मुगल साम्राज्य का पतन 1.2 क्षेत्रीय शक्तियों का उदय
1.3 ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना
2 भारत में ब्रिटिश साम्राज्य
21 साम्राज्यवादी विचारधारा 2.2 संसद और साम्राज्य
2.3 मालगुजारी का दोहन
2.4 शासन तंत्र
2.5 साम्राज्य और अर्थव्यवस्था
3 आरंभिक भारतीय प्रत्युत्तरः सुधार और विद्रोह
3.1 सामाजिक और धार्मिक सुधार 3.2 किसान और आदिवासी विद्रोह
3.3 1857 का विद्रोह
4 भारतीय राष्ट्रवाद का उदय
4.1 भारतीय राष्ट्रवाद का इतिहास-लेखन
4.2 कृषक समाज और कृषक असंतोष
4.3 नया मध्यवर्ग और राष्ट्रवाद का उदय
4.4 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
5 आरंभिक राष्ट्रवाद: असंतोष और विरोध
5.1 नरमपंथी नेतृत्व और आर्थिक राष्ट्रवाद 5.2 हिंदू पुनरुत्थानवाद और राजनीति
5.3 गरमपंथी राजनीति का उदय और स्वदेशी आंदोलन
54 मुस्लिम राजनीति और मुस्लिम लीग की स्थापना
● गांधीवादी राजनीति का युग
61 सीमित स्वशासन के प्रलोभन 1909-19
62 महात्मा गांधी का आगमन 63 खिलाफत और असहयोग आंदोलन
64 सविनय अवज्ञा आंदोलन
65 1935 का अधिनियम, “कागज़ी संघ” और रजवाड़े
7 भारतीय राष्ट्र के विभिन्न स्वर
7.1 मुसलमानों का अलगाव 7.2 गैर-ब्राह्मण और दलित प्रतिरोध
7.3 व्यापार और राजनीति
7.4 मजदूर वर्ग के आंदोलन
7.5 स्त्रियों की भागीदारी
8 विभाजन के साथ स्वतंत्रता 8.1 भारत छोड़ो आंदोलन
8.2 उथल-पुथल का दशक
8.3 विभाजन के साथ स्वतंत्रता की दिशा में 9 स्वतंत्रता और विभाजन के पश्चात्
9.1 परिवर्तन का काल
9.2 विभाजन और शरणार्थी
9.3 कश्मीर, हैदराबाद और साम्यवादी 9.4 संविधान एवं लोकतंत्र
9.5 नेहरूवादी राष्ट्र और इसकी राजनीति 9.6 “कांग्रेस प्रणाली” का पतन
परिशिष्ट आधुनिक भारत के इतिहास का काल – विवरण
संदर्भका
अनुक्रमणिका








